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महात्मा गांधी अंतरराष्ट्री य हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में हिंदी शिक्षण अधिगम केंद्र (Teaching Learning Centre for Hindi Studies) की स्थापना वर्ष 2015-16 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण अभियान (Pandit Madan Mohan Malviya National Mission on Teachers and Teaching) के अंतर्गत परियोजना अनुमोदन परिषद (Project Approval Board) की द्वितीय बैठक दिनांक 10 जुलाई, 2015 के निर्णय के आलोक में की गई है। (F.No.3-13/2015-PN-II, Dated 20 October, 2015)

उच्च शैक्षिक संस्थानों में शिक्षकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के उपयोग हेतु पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तक, हैंडबुक, मोनोग्राफ, अनुवाद शोध,नीतिगत दस्ता‍वेज, शिक्षा और शिक्षण सामग्री, जिसमें ई-सामग्री भी सम्मिलित है, के हिंदी में निर्माण एवं विकास के उद्देश्य से हिंदी शिक्षण अधिगम केंद्र (TLCHS) को स्थापित किया गया है जिससे हिंदी का भी संवर्धन व विकास यथोचित रीति से हो। यह केंद्र शिक्षकों, संकाय सदस्यों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस आधार प्रदान करने के इरादे से स्थापित है, जो कि भारत की समकालीन व सम-सामयिक शैक्षणिक जरूरतों के साथ ही भारतीय विरासत के तत्वों को जोड़ने तथा उनसे जुड़े शिक्षकों, शोधकर्ताओं तथा विद्वानों के समृद्ध समूह का प्रतिनिधित्व करेगा। इसके अंतर्गत हिंदी भाषा व साहित्यं के संवंर्धन के साथ ही हिंदी के माध्यम से अन्य ज्ञानानुशासनों जैसे- शिक्षा, प्रबंधन, मनोविज्ञान,समाजकार्य इत्यादि का अध्ययन, अनुसंधान और प्रशिक्षण आदि भी समाविष्ट है ताकि एक सशक्त माध्यम के रूप में हिंदी का समग्र विकास हो सके तथा वैश्विक धरातल पर समर्थ हिंदी की पहचान बन सके।

परिचय
अधोसंरचना

निःशस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी।

संदेश

प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल

कुलपति

हिन्दी को अधिक से अधिक उपयोगी एवं प्रासंगिक बनाने तथा इसके प्रचार-प्रसार एवं विकास के लिए विभिन्न आयामी कार्यक्रम एवं उपक्रम संचालित करने हेतु विश्वविद्यालय में हिन्दी शिक्षण अधिगम केन्द्र की स्थापना की गयी है। इसका उद्देश्य हिंदी की भूमिका को एक राष्ट्रभाषा के साथ-साथ एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रकाशित करना और प्रवासी भारतीयों के बीच हिंदी को अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में विकसित करना है। अपनी साझी विरासत की भाषा के रूप में हिन्दी के महत्व को पहचानते हुए विश्व के कोने-कोने में रहने वाले भारतीय इसे उचित और प्रासंगिक बनाए रखने के लिए संकल्पित हैं, केंद्र इस दिशा में भी सार्थक प्रयास करने के लिए कृतसंकल्प है।

केंद्र का उद्देश्य

हिंदी शिक्षण अधिगम केंद्र (TLCHS) के उद्देश्‍य निम्‍नलिखित कार्यक्रमों/ योजनाओं का क्रियान्‍वयन करना है-

  • हिंदी शिक्षण के पाठ्यक्रम/ पाठ्यचर्या संरचना/ रूपरेखा के विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण हेतु पाठ्यक्रम संरचना में प्रतिमानात्‍मक बदलाव के आलोक में मूल्‍यांकन पद्धति के विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण में पाठ्यक्रम ढाँचे/ संरचना के विकास के अनुरूप वैकल्पिक शिक्षा वैज्ञानिक अंत:क्षेपों (Pedagogic interventions) को स्‍पष्‍ट करने संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण हेतु शिक्षण-अधिगम सामग्री के विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण के लिए पाठ्य पुस्‍तक/ पुस्तिका के विकास से संबंधित कार्यक्रम।
  • क्षेत्रीय/ प्रादेशिक भाषाओं में/ से मूलपाठ के अनुवाद हेतु कार्यक्रम।
  • हिंदी तथा भाषा वैज्ञानिक शिक्षण से संबंधित शोध के प्रोत्‍साहन हेतु संसाधनों, संदर्भ सेवा, इलेक्‍ट्रानिक डाटाबेस के भण्‍डारण तथा ई-सामग्री के विकास से संबंधित कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण के प्रोत्‍साहन हेतु अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर विश्‍वविद्यालयों, महाविद्यालयों, उच्‍च शिक्षा केंद्रों का संजाल/ समूह विकसित करने संबंधी बहुआयामी कार्यक्रम।
  • हिंदी में पाठ्य पुस्‍तकों के विकास एवं निर्माण संबंधी कार्यक्रम।
  • सृजनात्‍मक लेखन के लिए पाठ्यक्रम निर्माण व विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी एवं कला, हिंदी एवं हिंदी साहित्‍य, हिंदी एवं भारतीय संस्‍कृति के साथ ही अन्‍य विषयों पर शोध संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी में संदर्भ कोश/ पारिभाषिक कोश/ प्रासंगिक कोश के विकास हेतु कार्यक्रम।